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Naag Pooja Se Koi Labh Nahin Hota Hai

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नाग पूजा से कोई लाभ नहीं होता  गीता अध्याय 16 के श्लोक 23, 24 में  मैं प्रमाण है कि जो साधक शास्त्र विधि को त्याग कर मन माना आचरण करता है इसको कोई लाभ नहीं होता  गीता अध्याय 17 के श्लोक 23  में तीन मंत्र का प्रमाण है ओम ,तत्,सत वह भी अधिकारिक पूर्ण गुरु के द्वारा लाभ होता है अन्या नकली धर्मगुरु से कोई लाभ नहीं होता

what Right education ?

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एक जंगल में कुछ जानवरों में स्कूल सुरु करने का फैसला किया। छात्रों में एक चिड़िया ,एक गिलहरी एक मछली , एक कुत्ता एक खरगोश और दिमागी तौर पर कमजोर ईल मछली शामिल थी। पाठ्यक्रम तय करने के लिए एक बोर्ड बनाया गया। बोर्ड ने तय किया की छात्रों को बहुमुखी शिक्षा दी जाएगी और उन्हें उड़ना पेड़ पर चढ़ना , तैरना एवं बिल खोदना सिखाया जायेगा। हर जानवर को सभी तालीम हासिल करने की पाबंदी थी। चिड़िया उड़ान भरने में माहिर थी। उसने इस विषय में ए ग्रेड हासिल किया , लेकिन बिल खोदने की बरी आयी तो वह अपनी चोंच और पंख तोड़ बैठी और और असफल साबित होने लगी। इस नाकामयाबी का उस पर असर ऐसा पड़ा की जल्दी ही उसे उड़ान में भी सी-ग्रेड मिलने लगा। पेड़ पर चढ़ने और तैरने में तो वह फेल ही हो गई। मछली सबसे अच्छी तैराक थी , लेकिन वह पानी के बहार निकल ही नहीं सकती थी ,इसलिए बाकि सभी विषयों में फेल हो गई। कुत्ता स्कूल गया ही नहीं ,उसने फ़ीस भी जमा नहीं की , और प्रबंधकों से इस बात को लेकर झगड़ता रहा की पाठ्यक्रम में भोंकना भी शामिल किया जाये। खरगोश को बिल खोदने में ए ग्रेड मिला , लेकिन उसके लिए पेड़ पर चढ़ना एक बहुत समस्या थी। व...

God

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#5जून_महासत्संग_साधनाTVपर वेदों में प्रमाण है कि परमात्मा सबका जनक है।वह मां से जन्म नहीं लेता बल्कि सशरीरप्रकट होता है। जो मां से जन्म लेकर आता है वह अविनाशी परमात्मा नहीं होता। साहिब होकर उतारे, बेटा किसी का नाही! जो बेटा होकर उत्तरे, बो साहिब भी नाही। #5thJuneKabirPrakatDiwas 

Suprem God

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#कबीरपरमेश्वर_का_अद्भुतज्ञान परमात्मा कबीर जी का तत्वज्ञान जिस स्वर्ग के सुख को समाज में श्रेष्ठ सुख समझा जाता था, परमात्मा कबीर जी के तत्वज्ञान से ही पता चला कि स्वर्ग का सुख तो सतलोक के सुख के आगे काग की बिष्ठा के समान है । #5Jun_MegaSatsang_SadhnaTv9AM

मानव उत्थान

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फ्रांस के प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्ट्रदमस तथा अमेरिका की भविष्यवक्ता फ्लोरेंस ने कहा है कि भारत में एक संत आध्यात्मिक क्रांति लाएगा। उसके विचारों को पूरा विश्व स्वीकार करेगा। मानवता का उत्थान होगा। यह इसका प्रभाव 20 वीं सदी के अन्त से शुरू होगा तथा 21 वीं के प्रारम्भ में सर्व के समक्ष होगा। उस संत के विचारों से प्रभावित होकर एक धार्मिक संस्था बनेगी और पूरे विश्व में मानवता का संदेश पहुंचेगा - धरती स्वर्ग समान होगी। अधिक जानकारी के लिए देखे ‘‘राष्ट्रीय समाज सेवा समिति’’ का उद्देश्य तथा कर्त्तव्य’’ राष्ट्रीय समाज सेवा समिति दूसरे शब्दों में एक धार्मिक पंचायत है। ‘‘पंचायती का कर्तव्य‘‘ अधिकतर पंचायतें अपना कर्तव्य भूल चुकी हैं क्योंकि पंचायतें धर्मनीति को छोड़कर राजनीति तक सीमित हो चुकी हैं। इसी प्रकार विधान सभा जो प्रान्त की पंचायत है, वह भी राजनीति पर ही आधारित हो गई है, धर्मनीति भूल गई है। इसी प्रकार संसद (राज्य सभा तथा लोक सभा) भी राजनीति से पूर्ण रूप से ग्रस्त होकर धर्मनीति से दूर हो चुकी है। राजनीति से एक पक्ष को राहत तथा दूसरे पक्ष को कष्ट सदा बना रहेगा, केवल धर्मनीति स...

मानव का उत्थान

फ्रांस के प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्ट्रदमस तथा अमेरिका की भविष्यवक्ता फ्लोरेंस ने कहा है कि भारत में एक संत आध्यात्मिक क्रांति लाएगा। उसके विचारों को पूरा विश्व स्वीकार करेगा। मानवता का उत्थान होगा। यह इसका प्रभाव 20 वीं सदी के अन्त से शुरू होगा तथा 21 वीं के प्रारम्भ में सर्व के समक्ष होगा। उस संत के विचारों से प्रभावित होकर एक धार्मिक संस्था बनेगी और पूरे विश्व में मानवता का संदेश पहुंचेगा - धरती स्वर्ग समान होगी। अधिक जानकारी के लिए देखे https://youtu.be/qakP9CKotik ‘‘राष्ट्रीय समाज सेवा समिति’’ का उद्देश्य तथा कर्त्तव्य’’ राष्ट्रीय समाज सेवा समिति दूसरे शब्दों में एक धार्मिक पंचायत है। ‘‘पंचायती का कर्तव्य‘‘ अधिकतर पंचायतें अपना कर्तव्य भूल चुकी हैं क्योंकि पंचायतें धर्मनीति को छोड़कर राजनीति तक सीमित हो चुकी हैं। इसी प्रकार विधान सभा जो प्रान्त की पंचायत है, वह भी राजनीति पर ही आधारित हो गई है, धर्मनीति भूल गई है। इसी प्रकार संसद (राज्य सभा तथा लोक सभा) भी राजनीति से पूर्ण रूप से ग्रस्त होकर धर्मनीति से दूर हो चुकी है। राजनीति से एक पक्ष को राहत तथा दूसरे पक्ष को कष्ट सदा बना रहेगा...

Bad education

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 जैसे-जैसे समय गुजर रहा है वैसे-वैसे शिक्षा का स्तर नीचे गिर रहा है खासतौर पर सरकारी स्कूलों में सरकार द्वारा इतना पैसा खर्च करने के बावजूद सरकारी स्कूलों की स्थिति दयनीय है उसमें पढ़ने वाले बच्चों में शिक्षा का सर बहुत ही कम है  शिक्षा सेवा के भाव से शिक्षण संस्थानों में कार्य करना चाहिए आजकल निजी शिक्षण संस्थान में बहुत खर्चीली हो गए हैं आम आदमी इतनी महंगी शिक्षा नहीं दिला पाते हैं प्रतिभाशाली बच्चे आगे नहीं बढ़ पाते हैं संत रामपाल जी महाराज के शास्त्र अनुकूल ज्ञान से ज्ञान से परिचित होकर इंसानों में किसी भी क्षेत्र में कार्य इमानदारी से करेंगे एवं भगवान से डरकर चोरी , बेईमानी ,ठगी से दूर होकर पूरे समर्पण भाव से कार्य करेंगे https://youtu.be/PeZg9ynYxqU